इस वर्ष रिलीज होने वाली फिल्म रामसेतु क्यों है खास।


गत 2 वर्षों से महामारी की मार झेल रहे फिल्म इंडस्ट्री के लिए वर्ष 2022  धमाकेदार रहने वाला है ! इस वर्ष सैकड़ों फिल्मों के रिलीज होने की संभावना है; वैसे तो प्रत्येक वर्ष सैकड़ों फिल्म रिलीज होती हैं ;परंतु इस वर्ष कुछ ऐसी भी फिल्में रिलीज होंगी जो महामारी के कारण गत 2 वर्षों से अटकी पड़ी थी ! 

                         इन्हीं फिल्मों में से एक फिल्म “रामसेतु” है; जिसका शूटिंग शेड्यूल फरवरी 2022 में पूरा हो गया ! इसके रिलीज होने की इस वर्ष संभावना है! इस फिल्म का निर्माण गत 2 वर्षों से चल रहा था; वर्ष 2021 में महामारी के दौरान फिल्म का निर्माण महीनों तक बंद पड़ा था; फिर भी वर्ष 2021 के अंतिम तिमाही में फिल्म निर्माण को तेज गति से पूरा किया गया; और अब यह फिल्म पूरी तरह से रिलीज होने को तैयार है! 



रामसेतु की स्टार कास्ट –:

इस फिल्म के डायरेक्टर अभिषेक शर्मा है जिन्होंने परमाणु द पोखरण; सूरज पर मंगल भारी; तेरे बिन लादेन; डेड अलाइव जैसी हिट फिल्मों का निर्देशन किया है !

इस फिल्म के प्रोड्यूसर अरुण भाटिया और विक्रम मल्होत्रा है !

फिल्म की मुख्य भूमिका में अक्षय कुमार; नुसरत भरुचा और जैकलीन फर्नांडिस होंगे इसके अलावा सहायक भूमिका में अकली; प्रकाश राज; मुकेश ऋषि और अन्य है !

फिल्म की लागत –:

फिल्म के निर्माताओं ने अभी तक फिल्म की वास्तविक लागत को सार्वजनिक नहीं किया है; परंतु फिल्म निर्माण से जुड़े जानकारों के अनुसार इस फिल्म की लागत 100 करोड़ रुपए तक हो सकती है!

 

 रामसेतु फिल्म की कहानी –:

इस फिल्म के नाम से ही स्पष्ट है कि; इस फिल्म का केंद्र बिंदु रामसेतु है; जिसका निर्माण भगवान राम और उनकी सेना ने श्रीलंका तक पहुंचने के लिए किया था!

             फिल्म के जानकारों के अनुसार इस फिल्म में अक्षय कुमार एक साइंटिस्ट की भूमिका में नजर आएंगे जो रामसेतु के वैज्ञानिक पक्ष पर प्रकाश डालेगा; साथ ही उसे वर्तमान परिपेक्ष के साथ जोड़ा जाएगा !

फिल्म की रिलीज डेट–: 

इस फिल्म के निर्माताओं ने पहले इस फिल्म को अप्रैल 2022 में रिलीज करने की घोषणा की थी! परंतु उसे बाद में स्थगित कर दिया गया; अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस फिल्म की रिलीज डेट दीपावली 2022 के आसपास होगी!

रामसेतु फिल्म के सफल होने की संभावना –:

हम सभी यह जानते हैं कि रामसेतु हिंदू आस्था का केंद्र बिंदु है! समय-समय पर इसके मानव निर्मित होने के प्रमाण पर अनेक वैज्ञानिक संस्थाओं और संगठनों ने मुहर लगाई है ! धार्मिक आस्था से जुड़े हुए लोग  फिल्म में दिलचस्पी दिखा सकते हैं ! इसके अलावा ऐसे लोगों की भी इस फिल्म में दिलचस्पी हो सकती है जिन्होंने इस सेतु के वैज्ञानिक पक्ष के बारे में पढ़ा या सुना है गत 2 वर्षों से महामारी की मार झेल रही फिल्म इंडस्ट्री को इस वर्ष कई फिल्मों के सफल होने की आस है। जिससे 2 वर्षों से लगे ग्रहण के बादल छट जाए और फिल्म इंडस्ट्री के पुराने दिन फिर से लौट आए !

           इस समय फिल्म के मुख्य कलाकार अक्षय कुमार की हालत वही है; जो 90 के दशक में मिथुन चक्रवर्ती की थी! कहानी; पटकथा फिल्म की सफलता आदि के बजाय फिल्म का निर्माण और उसकी औसत कमाई पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है! अक्षय कुमार द्वारा समय-समय पर हिंदू आस्था पर चोट करने के लिए दिए गए बयान इस फिल्म की सफलता में रोड़े अटका सकता है! जो व्यक्ति माता वैष्णो देवी की यात्रा को ढकोसला और भगवान शिव पर चढ़ाए गए दूध को व्यर्थ बताए! साथ ही स्वयं को नास्तिक; ऐसे व्यक्ति के मुंह से रामसेतु का बखान शायद ही लोगों के गले से उतरे; और इस फिल्म का हाल भी वही हो जो अक्षय की अन्य हालिया रिलीज फिल्मों का हुआ है !(फ्लॉप )

      वैसे भी मुंबईया फिल्म इंडस्ट्री के लिए सब कुछ व्यापार है चाहे वह आस्था हो या सामाजिक सरोकार !

फिल्म रामसेतु पर विवाद–: 

फिल्म की कहानी और अन्य पक्ष अभी तक गुप्त रखे गए हैं! शायद इस वजह से फिल्म को लेकर किसी भी प्रकार का विवाद मीडिया में अभी तक नहीं आया है; रामसेतु का उल्लेख हिंदू धर्म ग्रंथों में हजारों सालों से है; परंतु 2005 में रामसेतु उस समय सुर्खियों में आ गया; जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार ने उसे काल्पनिक और महत्वहीन बता दिया! 

              प्राचीन समय से ही भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट का पहुंच मार्ग श्रीलंका का चक्कर पूरा करके ही संभव होता रहा है; क्योंकि भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरूमध्य है; जहां रामसेतु स्थित है यह उथला समुद्री भाग है; जहां से जल परिवहन संभव नहीं है

                     वर्ष 2007 में कांग्रेस नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार के समय जहाजरानी मंत्रालय तमिलनाडु की डीएमके पार्टी के पास था; उसने पूर्वी और पश्चिमी भारतीय तटों को जोड़ने के लिए सेतु समुद्रम शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट बनाया; जिससे पूर्वी और पश्चिमी तट के बीच दूरी को कम करने के लिए आपस में  कैनाल के द्वारा जोड़ा जाए; जिसके लिए 83 किलोमीटर समुद्री केनाल बनाया जाना था! जो रामसेतु के बीच से होकर हो जाता था! इसके लिए सेतु के कुछ हिस्से में कैनाल के मार्ग की खुदाई होनी थी! जिसका विरोध हिंदू संगठनों ने करना शुरू कर दिया; जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तब कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार ने हलफनामा देकर रामसेतु को काल्पनिक  और महत्वहीन बता दिया ! इसके बाद विरोध की ऐसी आग भड़की की केंद्रीय सरकार को न सिर्फ सेतु समुद्रम शिपिंग कैनाल प्रोजेक्ट बंद करना पड़ा; बल्कि देश से माफी भी मांगनी पड़ी !

            इस प्रकार उस समय से ही रामसेतु लोगों के मध्य चर्चा का विषय बना हुआ है; और इस पर बहुत सारी लघु फिल्में; डॉक्यूमेंट्री आदि का निर्माण हो चुका है! इस विवाद के 15 साल बाद इस पर फीचर फिल्म का निर्माण हो रहा है; उम्मीद है यह फिल्म किसी नए विवाद को जन्म नहीं देगी ! 


RAM SETU


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1 comment:

  1. बढ़िया जानकारी के लिए साधुवाद

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