क्या पेगांग झील के समस्त क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता है चीन; जानिए सच्चाई
क्या पेगांग झील के समस्त क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता है चीन; जानिए सच्चाई –;
यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है जो आज इसलिए सामयिक हो गया है; क्योंकि पेगोंग झील और उसके आसपास के क्षेत्र में चीन अवैध निर्माण गतिविधियों में लगा हुआ है इससे तो यही प्रतीत होता है कि बहुत ही जल्द इस क्षेत्र में चीन द्वारा किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया जा सकता है.
वर्तमान में सेटेलाइट से प्राप्त इमेज से यही स्पष्ट हो गया है कि; चीन भारतीय क्षेत्र में अपनी पहुंच बनाने के लिए झील पर बहुत तेजी से पुल का निर्माण कर रहा है जो आगामी 2 से 3 माह में पूरा हो जाएगा; इसके बाद चीनी सेना की पहुंच में भारतीय क्षेत्र बड़ी आसानी से आ जाएगा
हालांकि ऐसे कुटिलता पूर्वक भारतीय क्षेत्र पर कब्जा जमाने के प्रयास में चीन ने हमेशा मुंह की खाई है चाहे वह अरुणाचल प्रदेश का मामला हो सिक्किम का या अन्य किसी राज्य का
वर्तमान हालात पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरविंदम बागची का कहना है कि विदेश मंत्रालय स्थितियों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और भारत; चीन के किसी भी कुटिल चाल को पूरा नहीं होने देगा !
पेगोंग झील विवाद; क्या है इसका इतिहास –;
पैंगोंग झील विवाद की शुरुआत 1951 में हुई जब चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया इसके बाद 1958 से चीन ने इस सारे इलाके को अपना होने का दावा करने लगा साथ ही झील पर भी उसने अपना दावा किया
मैक मोहन रेखा भारत तिब्बत और चीन के बीच सीमा का निर्धारण करती है जो 1914 में शिमला समझौते के बाद अस्तित्व में आई तिब्बत पर कब्जे के बाद चीन ने मैकमोहन लाइन जो भारत और तिब्बत के बीच है उसे यह कहकर मानने से इंकार कर दिया कि तिब्बत स्वतंत्र राज्य नहीं है इसलिए उसे किसी भी समझौते में सम्मिलित होने का अधिकार नहीं है साथ ही चीन शिमला समझौते को भी मानने से इनकार करता रहा है
चीन का सीमा विवाद अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ है तो भारत के साथ विवाद भी इसका अपवाद नहीं है चीन एक साम्राज्यवादी देश है जो दूसरे देश के क्षेत्र पर कब्जा करके अपना क्षेत्र बढ़ाना चाहता है
वर्तमान विवाद –;
16 जनवरी 2021 को प्राप्त सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन गत 2 माह से पेगोंग झील के सबसे सकरे इलाके में पुल का निर्माण कर रहा है 400 मीटर की लंबाई में पुल का निर्माण पूरा हो चुका है शेष पुल का निर्माण पूरा होने के बाद चीन झील के दक्षिणी क्षेत्र( भारतीय क्षेत्र) में आसानी से अपनी पहुंच बना लेगा
गत वर्ष गलवान घाटी झड़प के बाद चीन ने भारतीय क्षेत्र के झील पर अपनी पावर बोट उतार दी थी हालांकि भारतीय सेना के हस्तक्षेप के बाद चीनी सैनिक अपने क्षेत्र में वापस चले गए थे
10 माह पूर्व भारतीय सेना के साथ हुए समझौते के बाद चीनी सेना फिंगर आठ से पीछे हट गई थी लेकिन यह दिखावा उस छल का भाग था जो पुल के रूप में अब सबके सामने
पेगोंग झील पर वर्तमान स्थिति भारत के लिए चिंताजनक है अरुणाचल प्रदेश लद्दाख सिक्किम आदि क्षेत्रों पर चीन ने समय-समय पर कब्जा जमाने की कोशिश की है सीमा क्षेत्र पर सड़क पुल और हवाई पट्टी बनाकर चीन ने भारत पर अपना दबाव बढ़ा दिया है
पेगोंग झील कहां/ किस राज्य में स्थित है –;
पेगोंग झील भारत के उत्तरी भाग में भारत और चीन की सीमा पर स्थित है; भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में इस झील का पश्चिमी भाग स्थित है; वहीं पूर्वी भाग तिब्बत में है जिस पर चीन ने अवैध कब्जा जमा रखा है; झील के कुल क्षेत्र का दो तिहाई भाग चीन के अवैध कब्जे में है
पेगोंग झील कितनी बड़ी है /आकार क्या है–;
लद्दाख में स्थित इस झील का आकार बूमरैंग से मिलता-जुलता है 14000 फीट या 4200 मीटर की ऊंचाई पर यह झील अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में स्थित है इसकी लंबाई 134 किलोमीटर है और यह कुल 5 झीलो से मिलकर बनी है इसकी चौड़ाई 5 किलोमीटर से लेकर 500 मीटर के बीच है इस झील का पानी खारा है झील के पूर्वी भाग की अपेक्षा पश्चिमी भारतीय भाग में खारा पन अधिक है
604 वर्ग किलोमीटर में फैले इस झील का एक तिहाई भाग भारत के कब्जे में है
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